The Definitive Guide to apsara sadhna
The Definitive Guide to apsara sadhna
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An Apsara Sadhana can be done for the goal of manifestation. You may manifest your heart’s wish with the help of the Sadhana; on the other hand, you might want to be loyal, devoted and identified to your entire Sadhana.
हनुमान देह रक्षा मंत्र – शरीर रक्षा मंत्र- प्राण रक्षा मंत्र
कामेच्छी अप्सरा साधना परिचय- अमराबती स्वर्गलोक के देबराज इन्द्र की राजधानी का ऐश्वर्य बहाँ की १६,१०८ अप्सराओं की कृपा का प्रसाद कहा जाता है । इन १६,१०८ में से १०८ अप्सराएं तो इन्द्र भगबान ने बेदों की १०८ ऋचाओं की साधना करके स्वयं प्रकट की थीं । इन १०८ की नायिका मेंनका और रम्भा आदि हैं । नर नारायण की तपस्या से डरकर इन्द्रदेब ने रम्भा, मेंनका आदि १६ प्रमुख अप्सराएं भेजीं । तब नर ने क्षुब्ध होकर अपनी दायीं जंघा पर हथेली मारकर उर्बशी आदि १६००० अप्सराएं उत्पन्न करके इन्द्र के पास भेज दीं ।
रिद्धि सिद्धि शाबर मंत्र साधना भगवन गणपति की प्राचीन साधना
अप्सरा साधना को सिद्ध करने के लिए निम्नलिखित तरीके अनुसार चरणों का पालन किया जाता है:
will occur everytime you will keep in mind and follow the Guidance of you. Deliver the flower garland in her neck and sweets to take in. In response Apsara will
Reply Jothimurugan A October thirty, 2019 Make sure you help me to show negatively turned apsara sadhana to positive. Share me your cellular ,whatapp or email you should . Why not replying me? You should reply me
आत्मिक शक्ति: अप्सराएं आत्मिक शक्तिशाली होती हैं और उनकी आत्मिक शक्ति साधकों को आत्म-सम्मोहन और आध्यात्मिक उत्थान में सहायक होती है।
इन अंतरों के बावजूद, दोनों अप्सराओं और परियों में आध्यात्मिक मानवता के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं और साधकों को आत्मिक उत्थान की दिशा में मार्गदर्शन करती हैं।
मनोवैशिष्ट्य: अप्सराएं अनेक विविध मनोवैशिष्ट्यों से सम्पन्न होती हैं। उनकी प्रभावशाली वाणी, मुखाभिव्यक्ति, और वाणीकरण शक्ति भी उन्हें शक्तिशाली बनाती हैं।
संकट मोचन हनुमान अष्टक: चमत्कारी अनुभव और आध्यात्मिक शक्ति का प्रबल संगम
शुद्ध और निष्काम भावना: साधक को शुद्ध और निष्काम भावना से साधना check here करनी चाहिए। उसे किसी भी प्रकार की भ्रष्टाचार या लोभनीयता से दूर रहना चाहिए।
आनंद और भोग: अप्सरा साधना साधक को आनंद और भोग का अनुभव कराती है। यह साधना उसे जीवन की सुख सम्पत्ति के साथ-साथ आत्मा की ऊर्जा और आनंद की अद्वितीयता का अनुभव कराती है।
चारित्र: अप्सराएं प्रेम, सौंदर्य, और आकर्षण के प्रतीक के साथ-साथ धर्म, शांति, और सेवा के भाव का प्रतीक भी होती हैं। उन्हें प्रेम की देवी के रूप में भी प्रस्तुत किया जाता है।